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ऐसे हादसों से कब सबक लेंगे हम !
कुशीनगर के दर्दनाक हादसे को सुनकर हर कोई सिहर उठा | घायल बच्चों की दर्दनाक मौत से पहले उनकी चीखों की आवाज़ महसूस कर के ही दिल रो उठा है | उन माँ बाप के दिल पर क्या गुज़र रही होगी जिन्होंने अपने कलेजे के टुकड़े को इस हादसे में हमेशा के लिए खो दिया है | हादसे को सुन कर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ फ़ौरन घटना स्थल के लिए रवाना हो गए इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर सख्त कार्यवाही की मांग करते हुए मृतकों को दो दो लाख मुआवज़े का एलान भी कर दिया | वहीँ रेलवे ने भी अपने ट्वीट में मृतकों के परिजनों को दो दो लाख रूपये देने की घोषणा कर जाँच के आदेश दे दिए |
लेकिन बड़ा सवाल है की कुशीनगर में मानव रहित रेलवे क्रोसिंग पर हुए इस हादसे में सबसे बड़ा ज़िम्मेदार कौन है ? किसकी जाँच कराये जाने की बात की जा रही है? किसको सजा दी जाएगी | असल में इसके लिए ज़िम्मेदार तो खुद रेलवे है | आखिर क्यों रेलवे ने कुशीनगर में मानव रहित क्रोसिंग पर किसी की तैनाती नहीं की ? आखिर क्यों हादसे का इंतज़ार किया जाता रहा | बताया जा रहा है की स्कूल वैन के ड्राईवर ने उस समय ईयरफ़ोन लगा रखा था जिसकी वजह से उसे ट्रेन की आवाज़ सुनाई नहीं दी और हादसा हो गया | लेकिन इस हादसे पर सीधे तौर पर रेलवे को अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी | रेलवे को उन 13 बच्चों की मौत का जवाब देना होगा जो इतनी बड़ी लापरवाही के बाद मौत के आगोश में समां गए | वहीँ मुआवजा देकर परिजनों को चुप करा देने से रेलवे अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं भाग सकता | रेलवे को इस हादसे से सबक लेना होगा क्यूँकी उन 13 बच्चों की मौत से पूरा देश सदमे में है |
Writer:zninews(
2018-04-26
)
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